Tuesday, September 30, 2008

नवरात्रि आज से...

सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं !!!
आशा करता हूँ की यह पर्व आपके जीवन में उत्साह और उमंग लाये ।

आज के दैनिक जागरण से कुछ पंक्तियाँ...
नवरात्र को ईश्वर की उपासना का पर्व माना गया है। इन दिनों भक्त रामायण व गीता का पाठ करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पर्व के दौरान तपस्वियों द्वारा व्रत-उपवास रखने से उन्हे आध्यात्मिक शांति और सुख प्राप्त होता है। नवरात्र के साथ देवी दुर्गा के अवतार की कथा भी जुड़ी हुई है। असुरों से पीड़ित देवता प्रजापति ब्रह्मा के पास जाते हैं और पूछते हैं कि हम सद्गुणों से सम्पन्न होते हुए भी दुष्ट असुरों से हारते क्यों हैं? ब्रह्माजी ने उत्तर दिया, 'संगठन और पराक्रम के अभाव में अन्य गुण निष्प्राण बने रहते हैं। संकट से मुक्ति पाने और वर्चस्व के लिए संगठित और पराक्रमी बनने के अतिरिक्त और दूसरा कोई मार्ग नहीं है।' देवताओं ने इसी उक्ति का पालन किया और तब जाकर दानवों का पराभव संभव हुआ।

आइए, नवरात्र के अवसर पर हम जगत माता देवी दुर्गा से यह प्रार्थना करे :

सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दु:ख भाग्यवेत्।

साथ ही, हम यह कामना भी करें कि नवरात्र पर्व सभी साधकों के लिए उज्ज्वल संभावनाएं लेकर आए। ईश्वर गलत मार्ग पर चलने वाले व्यक्तियों को सद्बुद्धि प्रदान करे, ताकि वे कुमार्ग का त्याग कर सन्मार्ग पर चलें।

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