Tuesday, May 6, 2014

निराला ठाठ

भारत जैसा देश न दुनिया में है, और न होगा…

निराशा और रोज़ के झमेलों में लोग यह भूल जाते हैं।    मैं उनसे कहता हूँ कि रोज़ आप आशा से जीवन व्यतीत करें और अपने भारतीय होने के सौभाग्य को याद रखें। 

यह बलिदान की धरती है, इसकी मिट्टी से तिलक करना चाहिये.… सुनिए यहाँ पर

जय हिन्द !!!