ग्रंथों में भगवान राम के चरित्र का वर्णन तो हर जगह मिलता है, लेकिन आज मैं सीता जी के पावन चरित्र पर कुछ लिखना चाहूँगा। सीता जी ने जिन नारी आदर्शों का उदाहरण दिया है, वह चरित्र अतुलनीय है।
ग्रंथों को पढने और समझने का असली आनंद सूक्ष्म बुद्धि से ही आता है, स्थूल बुद्धि से नहीं **। सूक्ष्म बुद्धि से हम यह अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि देवी होते हुए भी सीता जी ने जो मनुष्य रूप में चरित्र दिखाया, उसी को "लीला" कहते हैं और वही लीला समाज को आदर्श चरित्र का अर्थ दिखाती है और उसे अपनाने की प्रेरणा देती है। सीता जी जगतमाता लक्ष्मी जी का अवतार मानी गई हैं, किंतु उन्होंने हर अवसर पर अपने बुजुर्गों से जीवन शिक्षा पाने की कोशिश भी की।
सुनिए.... माता की शिक्षा और अत्रि ऋषि-आश्रम में महासती अनुसूया का परामर्श
** सूक्ष्म -- spiritual, स्थूल -- physical
अभी पूरा नहीं हुआ। बाकी बाद में...
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